Book Name:Ikhtiyarat-e-Mustafa (12Shab)
मीठे मीठे इस्लामी भाइयो ! बयान कर्दा अह़ादीसे मुबारका से मा'लूम हुवा ! ह़ुज़ूरे अकरम, नूरे मुजस्सम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ अगर चाहते, तो इ़शा की नमाज़ के वक़्त में तब्दीली फ़रमा देते कि तिहाई या निस्फ़ रात से पहले नमाज़े इ़शा पढ़ना जाइज़ ही न होता और इसी त़रह़ वुज़ू में मिस्वाक को फ़र्ज़ फ़रमा देते कि बिग़ैर मिस्वाक नमाज़ ही न होती । (मिरआतुल मनाजीह़, 1 / 280, माख़ूज़न) मगर उम्मत की आसानी की वज्ह से ऐसा न फ़रमाया । याद रहे ! मिस्वाक शरीफ़ हमारे प्यारे आक़ा, मक्की मदनी मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ की बहुत ही प्यारी सुन्नत है । उम्मुल मोमिनीन, ह़ज़रते सय्यिदतुना आ़इशा सिद्दीक़ा رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْھَا से मरवी है : اَنَّ النَّبِیَّ صَلَّی اللہُ عَلَیْہِ وَسَلَّمَ کَانَ اِذَا دَخَلَ بَیْتَہُ بَدَاَ بِالسِّوَاکِ नबिय्ये करीम, रऊफ़ुर्रह़ीम صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ जब भी मकाने आ़लीशान में तशरीफ़ लाते, सब से पहले मिस्वाक ही किया करते थे । (مسلم،کتاب الطہارۃ،باب السواک،ص ۱۵۲،حدیث:۲۵۳) और रात या दिन में जब भी आराम फ़रमाते, तो जाग कर वुज़ू से पहले मिस्वाक शरीफ़ किया करते थे । (ابو داؤد،کتاب الطہارۃ ،باب السواک لمن قام من اللیل،۱/۵۴،حدیث:۵۷)
लिहाज़ा हमें भी चाहिये कि दीगर सुन्नतों के साथ साथ मिस्वाक शरीफ़ की सुन्नत पर भी अ़मल किया करें कि اِنْ شَآءَ اللّٰہ सुन्नत का सवाब तो मिलेगा ही, साथ ही साथ मुंह की पाकीज़गी और अल्लाह पाक की रिज़ा भी ह़ासिल होगी । जैसा कि फ़रमाने मुस्त़फ़ा صَلَّی اللّٰہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ واٰلِہٖ وَسَلَّمَ : اَلسِّوَاكُ مَطْهَرَةٌ لِلْفَمِ مَرْضَاةٌ لِلـرَّبِّ मिस्वाक मुंह की पाकीज़गी और अल्लाह पाक की रिज़ा का ज़रीआ़ है ।
(بخاری،کتاب الصوم،باب السواک الرطب و الیابس للصائم،۱/۶۳۷،حدیث:تحت الباب)
आक़ा की आमद...मरह़बा सय्यिद की आमद...मरह़बा
जय्यिद की आमद...मरह़बा त़ाहिर की आमद...मरह़बा
ह़ाज़िर की आमद...मरह़बा नाज़िर की आमद...मरह़बा
नासिर की आमद...मरह़बा ज़ाहिर की आमद...मरह़बा
बात़िन की आमद...मरह़बा ह़ामी की आमद...मरह़बा
आक़ाए अ़त़्त़ार की आमद...मरह़बा
मुख़्तार की आमद...मरह़बा मुख़्तार की आमद...मरह़बा मुख़्तार की आमद...मरह़बा
मरह़बा या मुस्त़फ़ा मरह़बा या मुस्त़फ़ा मरह़बा या मुस्त़फ़ा